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आज कहीं किसी ने बताया कि कुछ लोग व्हाट्सऐप्प पर फैला रहे हैं कि जवाहरलाल नेहरू, जिन्ना और एडविना माउंटबेटन साथ पढे थे। चलिए जांच करते हैं। मोहम्मद अली जिन्ना...
Nehru Jawaharlal Nehru Edwina Jinnaभारतीय मुक्ति संग्राम के समझौताहीन वीर योद्धाओं में से अद्वितीय हैं। हिंदुस्तान समाजवादी रिपब्लिकन आर्मी के कमांडर के रूप में उन्होंने न केवल अदम्य साहस...
Azad Chandrashekhar Azad Nehru Jawaharlal Nehru Indian Freedom Struggleगुपकर इन दिनों चर्चा में है. ज़ाहिर है इसे लेकर अफवाहों और अर्द्धसत्यों का दौर भी शुरू हो गया है – उद्देश्य स्पष्ट है. कश्मीर के स्थानीय राजनीतिक दलों के ख़िलाफ़...
Kashmir Gupkar Gang Politics Current Affairsआज ही के दिन 1947 में जम्मू और कश्मीर के शासक हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. हरि सिंह देश की आज़ादी के समय भारत या पाकिस्तान में विलय...
पाकिस्तान मान के चल रहा था कि कश्मीर उसके हाथ लगेगा. इसके कई कारण थे. पहली बात तो यह कि एक मुस्लिम बहुल प्रदेश का पाकिस्तान के साथ जाना उन परिस्थितियों में...
भगत सिंह को 8 अप्रैल, 1929 को जिस असेम्बली बम काण्ड में गिरफ़्तार किया गया था उसमें यह बहुत स्पष्ट था कि वह न तो भागना चाहते थे न ही किसी की हत्या करना चाहते थे। 6...
जिन खेतों में तुमने बोई थी बंदूकें उनमे उगी हैं नीली पड़ चुकी लाशें जिन कारखानों में उगता था तुम्हारी उम्मीद का लाल सूरज वहाँ दिन को रोशनी रात के अंधेरों...
भगत सिंह हमारी राष्ट्रीय चेतना में कितने गहरे बसे हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि धुर दक्षिणपंथी दलों से लेकर धुर वामपंथी दलों तक उन्हें अपना...
सुप्रीम कोर्ट का फरमान आता है कि दिल्ली- एनसीआर में 140 किलोमीटर लम्बी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48000 झुग्गियों को तोड़ा जाएगा. ये आंकड़ा शायद सुप्रीम कोर्ट...
दुनिया की तमाम लड़कियाँ अपने सपने के लिए लड़े बिना ही उसे छोड़ देती हैं और यही सबको सहज लगता है। वे अपमान को, अपने दोयम दर्जे को स्वीकार कर लेती हैं और यही सबको...
रांगेय राघव से मेरा पहला परिचय उनकी बहुचर्चित कहानी ‘गदल’ के माध्यम से हुआ था. 1991-92 की गर्मियों की कोई दोपहर रही होगी जब माँ की बी ए के पाठ्यक्रम की कहानियों...
अपने सूनेपन की मैं रानी मतवाली प्राणों के दीप जलाकर करती रहती दीवाली छायावाद को कभी न छोड़ा छायावाद को जब सबने गरियाया तो पंत और निराला भी उसमें शामिल होकर...
नाकोहस जब कहानी के रूप में आई थी तब इस पर टिप्पणी करते लिखा था – “समय का बदलना अक्सर महसूस नहीं होता. उसे कुछ प्रतीकों के सहारे पढ़ना होता है. और यह “पाठ” भी क्या...
1764 में बक्सर के युद्ध के बाद बंगाल, बिहार और उड़ीसा में ब्रिटिश शासन की स्थापना ने भारत की निर्मम लूट-खसोट का रास्ता खोल दिया. यह आधुनिक समय के इतिहास में अभूतपूर्व...
अक्षत की ये कविताएँ किसी पूर्वकथन की माँग नहीं करतीं. इन्हें सीधे पढ़ा जाना चाहिए. आँख में आँख डालकर… त्रासदी एक – कचोटना बंद कर देते हैं शब्द, बातें सहला जाते...
बिहार में कश्मीरी इतिहास का एक ज़र्द पन्ना आज भी साँस ले रहा है। चक साम्राज्य के आख़िरी शासक युसुफ़ शाह चक और उसके बेटे याकूब शाह चक की क़ब्र देखने पिछले साल मित्र...
अन्ना आन्दोलन के शुरू होने के बाद फेसबुक और दीगर जगहों मैंने लगातार लिखा था कि यह असल में एक धोखा है. उसी क्रम में समयांतर में छपा यह लेख जनपक्ष से उठाकर यहाँ...
किसी संस्मरण में कहीं पढ़ा था कि उग्र मंडल के पांडेय बेचन शर्मा किसी शाम निराला से भिड़ गए कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के लिए गीत क्यों नहीं लिखते, हमेशा बेकारी,...
पंद्रह अगस्त को दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात को तिरंगा फ़हरा कर आज़ादी की घोषणा की तो गांधी कश्मीर से लौटकर कलकत्ते के बेलियाघाटा में थे जहाँ 10 अगस्त...
आज जिस क़दर हिन्दू-मुसलमान बना दिया गया है चीज़ों को उसमें एक आख्यान ऐसा बनाया गया है कि मानो सिर्फ़ हिन्दू देशभक्त हैं और बाक़ी बाहरी. यह देश को तोड़ने वाला आख्यान...
दूसरा विश्वयुद्ध जब शुरू हुआ तो गाँधी शुरूआत में इस मुश्किल वक़्त में असहयोग के पक्ष में नहीं थे[1] लेकिन जिस तरह से यह युद्ध भारत पर थोपा गया था गाँधी ने उसका...
दिल्ली से मेरठ जाने वाली सड़क पर एक रात अचानक गाजियाबाद के एसपी और डीएम यूपी के मुख्यमंत्री का काफ़िला रोकते हैं। जिनके आगमन की सूचना दोनों अधिकारियों को पहले...
ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ते कवि वरवरराव किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं. इस उम्र में सत्ता का उनके साथ व्यवहार ख़ुद एक परिचय है. जाने-माने अनुवादक उज्ज्वल भट्टाचार्य...
दुनिया अब बहुत दिनों तक 2020 के पहले और बाद से जानी जाएगी. कोविड-19 ने इसे हमेशा के लिए बदल दिया है. घर के बाहर ही नहीं भीतर तक. सैकड़ो कविताएँ आईं इस पर लेकिन जिस तरह...
भारत क्या देवी सरस्वती मुस्कराई थीं जब तुमने अपने कवियों को गिरफ़्तार किया जब पेशाब के डबरे पर बैठे कोविड के शिकार वे मतिभ्रमित हुए क्या सरस्वती प्रसन्न...
आज राजेश जोशी का जन्मदिन है. हिन्दी में सबसे लम्बे समय तक युवा कवि कहलाते रहे हैं अगर राजेश भाई साहब तो अपने उस उत्साह के कारण जो उन्हें खींच के सडकों पर भी...
जो लोग नेहरू के प्रति गाँधी के प्रेम को पटेल के लिए बेईमानी कहते हैं वे भूल जाते हैं कि सरदार का तो राजनैतिक जीवन ही गाँधी ने शुरू करवाया था. डॉ राजेन्द्र प्रसाद...
जवाहर अभी हैरो में पढ़ ही रहे थे तो मोतीलालजी और स्वरूपरानी जी को हर भारतीय माता-पिता की तरह उनकी शादी की चिंता सताने लगी. हालाँकि मोतीलाल कम उम्र में शादी के...
गाँधी की हत्या के बाद अलग-थलग पड़ चुके हिन्दुत्ववादी दक्षिणपंथ के लिए आज़ाद हिन्दुस्तान का इकलौता मुस्लिम बहुल प्रदेश कश्मीर ख़ुद को प्रासंगिक बनाने के लिए...
अतुल की कविताएँ साहित्य की घेराबंदी की बाहर की कविताएँ हैं जो सबसे पहले अपने अनमनेपन के चलते ध्यान खींचती हैं. वह अनमनापन जहाँ चमकीले शब्दों और मुहाविरों...
चौदहवीं सदी से जारी इस्लामीकरण के चलते इस समय तक घाटी में हिन्दुओं की जनसंख्या कोई पाँच प्रतिशत रह गई थी । आमतौर पर सभी कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीरी पंडित...
स्वरा भाष्कर न केवल जानीमानी कलाकार हैं बल्कि एक शानदार सोशल एक्टिविस्ट भी हैं. अभी हाल में उनकी नई वेब सीरिज आई तो उसके लिए उत्साह स्वाभाविक था. लेकिन देखकर...
उज्जवल भट्टाचार्य ने पहले भी ब्रेख्त की कविताओं का ख़ूब अनुवाद किया है. ये ताज़ा अनुवाद उन्होंने ख़ास हमारे लिए उपलब्ध कराए हैं. हाल ही में विश्व कविता के अनुवादों...
गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट के तहत 1937 में हुए आम चुनावों में मुस्लिम लीग ने उत्साहवर्धक प्रदर्शन किया था और उसके बाद से मुस्लिम लीग की ताक़त लगातार बढ़ रही थी तथा...
Kaycee Jeff एक अमेरिकन/कैनेडियन नाम, इस नाम की एक ट्विटर आईडी 15 जून को प्रकाश में आती है. लिखती है कि इन्होने “इस्लाम अपना लिया है और अब यह मुस्लिम हैं”. इसके बाद रीट्वीट...
पापा को कभी हैप्पी फादर्स डे नहीं बोला हाँ वह साथ होते तो दिन खूबसूरत हो जाते थे। वह मेरे हीरो नहीं थे, पिता थे जैसे सबके होते हैं। एक कहानी उनकी भी थी जैसी सबकी...
कश्मीर का पहला मुस्लिम शासक एक बौद्ध था. तेरहवीं सदी के आरम्भ तक कश्मीर के शासकों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी थी. इसी...
आज हिन्दी और मैथिली के विलक्षण कवि-लेखक राजकमल चौधरी की पुण्यतिथि है. 38 साल की उम्र में विपुल साहित्य रचकर उन्हें गए आज 53 साल हुए. कभी उन पर विस्तार से लिखने...
सुशांत की मौत के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक अजीब सी तनावभरी हलचल बनी हुई है। ख़बरों को सनसनी बनाने की नीच प्रतियोगिता में पतन की सारी गर्त पार कर चुके टीवी चैनलों...
मुग़लिया सल्तनत में जब कश्मीरी पंडित बड़ी तादाद में दिल्ली आए नौकरियों की तलाश में तो पुरानी दिल्ली के शाहजहानाबाद इलाक़े के बाज़ार सीताराम में बसे. गाज़ीउद्दीन...
दक्षिण कश्मीर के लुकबान गाँव के सरपंच अजय पण्डिता की हत्या की ख़बर थोड़ी पुरानी हो गई है. कश्मीर में हत्याएं इतनी आम हैं कि ख़बरें पुरानी हो ही जाती हैं. राहुल...
मिनियापोलिस के पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की कुख्यात हत्या से नस्ली भेदभाव का भूत एक फिर जिन्दा हो उठा है। अमेरिका में हज़ारों लोग हुए...
सोनू सूद और डिलीटेड ट्वीट का रहस्य: पिछले कुछ दिनों से सोनू सूद खूब सुर्ख़ियों में हैं, पहले अपने होटल को हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए खोल दिया और फिर माईग्रेंट्स...
आज से ठीक 120 साल पहले पच्चीस साल के बिरसा मुंडा रांची जेल में शहीद हो गए थे. आदिवासियों के ज़्यादातर संघर्ष आजादी की लड़ाई की कहानियों से बाहर रखे जाते हैं लेकिन...
और कितने यौवन चाहिए ययाति? इतनी मार! ऐसा अत्याचार! जैसे किसी बनैले सुअर का शिकार कर रहे हों। और गालियाँ…सिगड़ी के कोयले सी धधकती आँखों से टपकती नफ़रत। काले...
आजतक के रेडियो पॉडकास्ट के लिए मुझसे पूछा गया उनके बारे में तो पहला वाक्य यही निकला कि सावरकर एक नहीं दो हैं. गिरफ्तारी के पहले के सावरकर और रिहाई के बाद के...
वे सड़कों पर हैं. वही जो कल तक आपके नल ठीक करते थे. आपकी बिजली ख़राब हो जाने पर दौड़े आते थे. आपके पौधों में खाद डालते थे. आपके कपड़े प्रेस करते थे. आपकी सूनी दीवारें...
जिन कारखानों में उगता था तुम्हारी उम्मीद का लाल सूरज वहां दिन को रोशनी रात के अंधेरों से मिलती है ज़िन्दगी से ऐसी थी तुम्हारी मोहब्बत कि कांपी तक नही जबान सू...
1990 के दशक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद के चरम के समय बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया. पहला तथ्य संख्या को लेकर. कश्मीरी पंडित समूह और कुछ...
एक ऐसे समय में जब डोमाजी जुलूस के पीछे नहीं आगे है तो मुक्तिबोध के ऐसे कुपाठ साहित्यिक से आगे राजनीतिक बयान में तब्दील हो जाते हैं इसलिए आज उन कविताओं में...