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Sahir ludhianvi साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना के एक जागीरदार घराने में हुआ था। पिता बहुत धनी थे पर माता-पिता में अलगाव होने के कारण उन्हें माता के साथ रहना पड़ा और गरीबी में गुजर करना पड़ा। कालेज में अमृता प्रीतम से प्रेम हुआ। कॉलेज में वे अपने शेरों के लिए ख्यात हो गए थे और अमृता इनकी प्रशंसक । लेकिन ये प्रेम असफल रहा। सन् 1943 में साहिर लाहौर आ गये और उसी वर्ष उन्होंने अपनी पहली कविता संग्रह तल्खियाँ छपवायी। 'तल्खियाँ' के प्रकाशन के बाद से ही उन्हें ख्याति प्राप्त होने लग गई। 1949 में वे दिल्ली आ गये। कुछ दिनों दिल्ली में रहकर वे बंबई (वर्तमान मुंबई) गये जहाँ पर व उर्दू पत्रिका शाहराह और प्रीतलड़ी के सम्पादक बने। सम्पादक परिचय - आशा प्रभात का जन्म 21 जुलाई 1958 को हुआ। कविता, कहानी व उपन्यास विधा में हिन्दी-उर्दू में समान अधिकार से लेखन। कृतियाँ : हिन्दी में—दरीचे (काव्य-संग्रह); धुंध में उगा पेड़, जाने कितने मोड़, मैं और वह (उपन्यास); कैसा सच (कथा-संग्रह)। सम्मान : साहित्य सेवा सम्मान—बिहार राष्ट्र भाषा परिषद् द्वारा। सुहैल अजीमावादी अवार्ड—बिहार उर्दू अकादमी द्वारा। खसूसरी अवार्ड—बिहार उर्दू अकादमी द्वारा। प्रेमचन्द सम्मान, दिनकर सम्मान, उर्दू दोस्त सम्मान ए बी आई द्वारा साल 1999 में वुमन ऑफ दि ईयर अवार्ड तथा विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित। दो बार आई ए एस के प्रश्न पत्र में स्थान। फिलहाल स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता। फिल्म आजादी की राह पर (1949) के लिये उन्होंने पहली बार गीत लिखे किन्तु प्रसिद्धि उन्हें फिल्म नौजवान, जिसके संगीतकार सचिनदेव बर्मन थे, के लिये लिखे गीतों से मिली। फिल्म नौजवान का गाना ठंडी हवायें लहरा के आयें ..... बहुत लोकप्रिय हुआ और आज तक है। बाद में साहिर लुधियानवी ने बाजी, प्यासा, फिर सुबह होगी, कभी कभी जैसे लोकप्रिय फिल्मों के लिये गीत लिखे। 59 वर्ष की अवस्था में 25 अक्टूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी का निधन हो गया।

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