वह कस कर जकड़ता है उसे अपने बाज़ुओं में और चाहता है कि प्रेयसी की देह पर छूट गए अनगिनत नील निशानों को आने वाले दिनों के लिए सहेज लिया जाए जब शेष हो अनुपस्थिति की नमी उसके आतुर होंठ…
Poetry is a form of literature that uses aesthetic and often rhythmic qualities of language, such as phonaesthetics, sound symbolism, and metre to evoke meanings in addition to, or in place of, the prosaic ostensible meaning.
वह कस कर जकड़ता है उसे अपने बाज़ुओं में और चाहता है कि प्रेयसी की देह पर छूट गए अनगिनत नील निशानों को आने वाले दिनों के लिए सहेज लिया जाए जब शेष हो अनुपस्थिति की नमी उसके आतुर होंठ…
अस्पर्श स्त्री अपनी योनि में रहती है यह नानी ने अपनी माँ से सुना था उन्होंने पहले माँ और फिर मुझे इतने कपड़ों में लपेटा कि धूप, हवा, बारिश सबसे अछूती रही वह मालिश के दौरान भी भले ही खुली…
सोचती हूँ कि तुम्हें एक घर तोड़ने का इल्ज़ाम दूँ या कि उस पुरुष के कहीं रिक्त रह गए हृदय को भरने का श्रेय जो घर गृहस्थी के झमेलों में शायद मेरे प्रेम को ठीक से ग्रहण नहीं कर पाया…
माँ के लिए लिखी हर कविता में तुम एक अघोषित खलनायक थे पिता तुम्हारी बोली के कई शब्दों को मैंने अपने शब्दकोश से बहिष्कृत कर दिया है क्योंकि वे मेरे भाषा-घर में नहीं समाते थे और तन कर खड़ी हो…
हर तरफ़ बिक रहे जीत के नुस्ख़ों के बीच भीपृथ्वी पर बढ़ रहा आतंक पराजय काशब्दकोश के चमकते शब्दों की लत में पड़ी दुनियानहीं सम्भाल पाती है एक अतिरिक्त अ का कहर सायबर कैफ़े में किसी चमत्कारी स्मिथ को मेल…
वे जो लय में नहीं,उनके सुर में नहीं मिला पाते अपनी आवाज़,उनमें भी दफ़न होता रहता है एक इतिहासजिसे पढ़ने वालाबहिष्कृत हो जाता हैदेवताओँ के बनाए इस लोक से,देवता जो खड़ी नाक और भव्य ललाट के होते हैंदेवता जो विजेता…