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राजेन्द्र यादव के हंस-महल में तरुण भटनागर की सेंधमारी

राजेन्द्र यादव के इस दुस्साहस की सराहना अवश्य करूंगा कि उन्होंने बस्‍तर के युवा कथाकार तरुण भटनागर के साथ हुए अपने संवादों के पत्र को सम्पादकीय (‘हंस, सितम्बर-2012...

Review Hans
तरुण भटनागर के उपन्यास ‘बेदावा’ का एक अंश

तरुण भटनागर के लेखन से हम सब अच्छी तरह परिचित रहे हैं। यह उनके नए उपन्यास ‘बेदावा’ का अंश है। यह उपन्यास उनके अपने लेखन में भी एक भिन्न प्रकृति का उपन्यास...

बेदावा तरुण भटनागर उपन्यास
राजा, जंगल और काला चाँद (तरुण भटनागर) : उमेश गोंहजे

कथाकार तरुण भटनागर का उपन्यास, ‘राजा,जंगल,और काला चाँद’ आधार प्रकाशन से २०१९ में प्रकाशित हुआ था, जो ४१ अध्यायों में विभक्त है. इनके नाम दिलचस्प और मानीख़ेज़...

समीक्षा
राजेन्द्र यादव के हंस-महल में तरुण भटनागर की सेंधमारी

राजेन्द्र यादव के इस दुस्साहस की सराहना अवश्य करूंगा कि उन्होंने बस्‍तर के युवा कथाकार तरुण भटनागर के साथ हुए अपने संवादों के पत्र को सम्पादकीय (‘हंस, सितम्बर-2012...


स्वराज भवन में कथाकार तरुण भटनागर का कथापाठ

भोपाल। रवींद्र भवन परिसर स्थित स्वराज भवन में सोमवार शाम कथाकार तरुण भटनागर के कथापाठ का आयोजन किया गया। स्पंदन संस्था द्वारा आयोजित इस कथापाठ में श्री...


मार्मिक कहानियां: तरुण भटनागर — "तेरह नंबर वाली फायर ब्रिगेड"

से यह भी नहीं पता था कि स्टीव को पल भर के लिए शराब पीने की इच्छा हुई थी। पब के सामने खड़े-खड़े उसने अपनी पॉकेट से पैसे निकालकर गिने थे। उसे काउण्टर वाले शख़्स पर...


हिंदी, प्रेम उपन्यास — बेदावा: एक प्रेम कथा — तरुण भटनागर

‘ अच्छा छोड़ो...कुछ और बताओ...कहाँ रहे इतने दिनों... क्या किया...?’ तरुण भटनागर ‘ नहीं बता सकता...।’ ‘ क्यों...?’ ‘ आज तुम्हें सुनना है...।’ अंधेरे में उसकी मुस्कान अजनबी...