About

Jitendra Jeetu

Writer

व्यंग्य से अपनी साहित्य-यात्रा का प्रारंभ करने वाले जितेन्द्र जीतू एम0ए0 अर्थशास्त्र की डिग्री लेकर पापी पेट के लिए बैंक में नौकर हुए और फिर उम्र के चालीसवें दशक में एम0 ए0 हिंदी करके समकालीन हिंदी लघुकथा का सौंदर्यशास्त्र एवं समाजशास्त्रीय सौंदर्यबोध विषय पर पीएचडी को प्राप्त हुए। डॉ0 बनने के बाद चारों व्यंग्य संग्रहों को एक तरफ रखकर लघुकथा विधा पर अनेक समीक्षात्मक आलेख लिखे। व्यंग्य और लघुकथा के बीच बच्चों की कहानियों की चार किताबें आईं। पांचवीं तो तीन साल पहले ही बुढ़ापे में आई। रेडियो के लिए हास्य-एकांकी तो भरी जवानी में लिखे थे पर शुरुआत व्यंग्य कविताओं और क्षणिकाओं से की थी। बिगड़ी औलाद के लक्षण पालने में तो नहीं पर नवभारत टाइम्स में दिख गए थे जब उसमे पहली रचना दसवी कक्षा पास करते न करते छप गई थी। कादम्बिनी, धर्मयुग, अमर उजाला, पंजाब केसरी, नवभारत टाइम्स आदि पत्र-पत्रिकाओं में से कुछ ने अब उस स्तर के व्यंग्य छापने बन्द कर दिए जिस स्तर के माबदौलत लिखते थे अथवा कालांतर में वे खुद ही बन्द हो गईं। स्थानीय समाचार पत्र चिंगारी और पथ के साथी में व्यंग्य के कॉलम लिखे तो पब्लिक इमोशन में साहित्यकारों से लिये साक्षात्कार छपे। फेसबुक पर लघुकथा के समूह गागर में सागर में लघुकथाओं की प्रतियोगिताओं के साथ-साथ अन्य अनेक नॉन-वर्चुअल लघुकथा प्रतियोगिताओं...

में निर्णायक का दायित्व निभाया। कालांतर में ये सभी प्रतियोगिताएं संभवतः इनमें लिए गए निर्णयों के कारण जल्दी ही काल-कवलित हो गईं। कुल मिलाकर 10 किताबों के साथ-साथ प्रतिलिपि डॉट कॉम, मातृभारती आदि मंचों पर अनेक ई- बुक/आलेख (कामवाली की तलाश में, कांटा लगा) आदि मौजूद। अनेक किताबों का संपादन भी खाते में।

Read more

Latest Book

Samakaleen Lashukatha Ka Saundaryashastra

Hindi

ISBN: 9789386436399

MRP: 600

Language: Hindi

Awards & Recognition

Collection of Awards & Recognition

Popular blogs

Get the popular blogs, click on the link to see all blogs.

...
अब लीजिए भी चचा!

तो अब यह तय हो गया है कि घूसखोरी के बिना कोई चारा नहीं। लाचारी का नाम है घूस। आचार भी लाचार हो गये है इसके सामने। व्यवहार में घुस आयी है यह। आचार में टंकित हो...

साहित्य
...
सपने में आए अरविन्द केजरीवाल साहब!!

पत्नी जी ने रात को सपना देखा. और सपने में अरविन्द केजरीवाल साहब को देखा. सुबह उठते ही बोली कि आओ, पहले सपना सुनो, चाय बाद में बनाना. ऐसा सुअवसर खाकसार को कभी-कभी...

अरविन्द केजरीवाल साहित्य
...
भारत जीता!?

मुझे आपको यह बतलाते हुए अपार गंभीर होना पड़ रहा है कि भारत जीत गया. भारत, जो आदतन जीतने के प्रति कभी गंभीर नहीं रहा, जीत गया. यूँ मैं गंभीर नहीं हो पाता, भारत की...

खेल खेल-भावना

My Gallery

My all gallery collection

...
...
...

Popular Videos

My all Video collection

Contact Details

Share your words with your favorite author, and let them know your perspective and thougts about their writing!

Phone

8650567854

Location