Synopsisयह उपन्यास एक दुखांत प्रेम कहानी है। जो हमारी सामाजिक संरचना से जुड़े अनेक अहम सवालों का अपने भीतर अहाता किए हुए है। ‘जिद्दी’ उपन्यास में लेखिका का उद्भूत अभिव्यक्ति और व्यंग्य का लहजा बदस्तूर देखा जा सकता है। बयान के ऐसे बहुत ढंग और मुहावरे उन्होने अपने कथात्मक गद्य में सुरक्षित कर लिए हैं जो अब देखे-सुने नहीं जाते। इस उपन्यास में ऐसी कामयाब पठनीयता है की हिन्दी पाठक इससे बार बार पढ़ने का आनंद उठाएगा।
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About the author
इस्मत चुग़ताई (जन्म: 21 अगस्त 1915-निधन: 24 अक्टूबर 1991) उर्दू साहित्य की सर्वाधिक विवादास्पद और सर्वप्रमुख लेखिका थीं, उन्हें ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने आज से करीब 70 साल पहले पुरुष प्रधान समाज में स्त्रियों के मुद्दों को स्त्रियों के नजरिए से कहीं चुटीले और कहीं संजीदा ढंग से पेश करने का जोखिम उठाया। उनके अफसानों में औरत अपने अस्तित्व की लड़ाई से जुड़े मुद्दे उठाती है। साहित्य तथा समाज में चल रहे स्त्री विमर्श को उन्होंने आज से 70 साल पहले ही प्रमुखता दी थी। इससे पता चलता है कि उनकी सोच अपने समय से कितनी आगे थी। उन्होंने अपनी कहानियों में स्त्री चरित्रों को बेहद संजीदगी से उभारा और इसी कारण उनके पात्र जिंदगी के बेहद करीब नजर आते हैं।