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Home Literature Poetry Visthapan Aur Yaaden
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Visthapan Aur Yaaden
by Anju Ranjan
4.5
4.5 out of 5
Creators
AuthorAnju Ranjan
PublisherVani Prakashan
Synopsisअंजु रंजन की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है। इसीलिए हिन्दी के स्वाध्ययन के साथ वे विदेश में भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार से जुड़ी हुई हैं। अपने विस्थापन और अपनों से अलगाव के बारे में उनका कहना है : ‘सुनहरे सपने हरेक ग्रामीण की आँखों में होते हैं जब वह पहली बार शहर की ओर रुख़ करता है। भविष्य उस समय स्पष्ट नहीं होता है पर सबकी आँखों में सुनहरी पन्नी में लिपटा जो सपना होता है; वह वर्षों के संघर्ष के बाद बदरंग होता है। बहुत देर से ये बात समझ आती है कि गाँव छूट गया और हम अपने ही देश में विस्थापित हो गये। इस किताब को पढ़ने के बाद सुधी पाठक अंजु रंजन तथा उन जैसे सभी लोगों के विस्थापन की पीड़ा को समझेंगे और अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस करेंगे, यही इस किताब का उद्देश्य है।
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Hardback
₹350
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About the author
अंजु रंजन भारतीय विदेश सेवा की वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे अभी भारत के कॉन्सल जनरल के बतौर जोहान्सबर्ग में पदस्थापित हैं। वे इंडोनेशिया, नेपाल तथा स्कॉटलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। अतिरिक्त भाषा के रूप में इन्होंने इंडोनेशियाई भाषा में स्नातकोत्तर एडवांस डिप्लोमा फॉर डिप्लोमेट विशेष दक्षता के साथ हासिल किया है। अंजु रंजन केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और स्वर्ण पदक विजेता रही हैं तथा इन्होंने एमबीए (फाइनेंस) भी किया है, पर हिन्दी साहित्य में उनकी शुरू से ही रुचि रही है। इसी कारण, यूपीएससी की परीक्षा में हिन्दी साहित्य को इन्होंने मुख्य विषय के रूप में लिया था। उन्होंने हिन्दी साहित्य का स्वाध्ययन किया है और बहुत-सी किताबें पढ़ी हैं। वे विदेश में भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयासरत हैं और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हिन्दी को लोकप्रिय बना रही हैं। प्रस्तुत पुस्तक 'वो काग़ज़ की कश्ती' लेखिका के बचपन की स्मृतियों को समेटती है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित कवयित्री का प्रथम कविता संग्रह 'प्रेम के विभिन्न रंग' काफ़ी लोकप्रिय है। लेखिका का दूसरा कविता संग्रह 'विस्थापन और यादें' भी शीघ्र प्रकाशित होने वाला है।