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Home Management Sales & Marketing Vigyapan : Bhasha Aur Sanrachna
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Vigyapan : Bhasha Aur Sanrachna
by Dr. Rekha Sethi
4.6
4.6 out of 5
Creators
AuthorDr. Rekha Sethi
PublisherVani Prakashan
Synopsisविज्ञापन का उद्गम सूचना-स्त्रोत के रूप में हुआ। बहुत-से लोगों तक एक साथ सूचना पहुँचना उसका लक्ष्य था, जो आज भी उसके स्वरूप का मुख्य आधार बना हुआ है। भूमंडलीकरण, मीडिया और बाज़ार ने इस स्थिति में परिवर्तन किया है। सूचना का प्रणालियाँ विकसित होती गईं और विज्ञापन का संजाल फैलता चला गया। उद्योग-धंधों का विकास यूं भी नए बाज़ार-क्षेत्र लताश रहा था। यह किताब विद्यार्थी और छात्रों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है। इस पुस्तक में उदाहरण देते हुए हर विषय को विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है। ताकि विज्ञापन के निर्माण कि पूरी प्रक्रिया स्पष्ट हो सके।