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Home Nonfiction Biographies & Memoirs Vajpayee:Ek Raajneta ke Agyaat Pehlu (Hindi translation of 'The Untold Vajpayee')
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Vajpayee:Ek Raajneta ke Agyaat Pehlu (Hindi translation of 'The Untold Vajpayee')
by Ullekh N P
4.7
4.7 out of 5
Creators
AuthorUllekh N P
PublisherManjul Publishing House
Synopsisसांसद में नेहरूवाद से मिलते-जुलते अपने 'धर्मनिरपेक्ष' बयानों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी यदा-कदा कट्टरपंथी जमात में थोड़ी घुसपैठ कर जाते थे I 1983 में उन्होंने असम चुनावों के दौरान भड़काऊ भाषण दिया जिससे प्रदेश में 'बांग्लादेशी विदेशियों' की मौजूदगी बड़ा मुद्दा बन गया I यहां तक कि भाजपा ने भी वाजपेयी के भाषण से किनारा कर लिया I संभवतः इस भाषण के कारण उस वर्ष असम के नल्ली में 2000 से अधिक लोगों का संहार हुआ, जिनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे I
वाजपेयी भारत के चतुर राजनेताओं में से एक हैं और उन्हें कई तरह की विरोधाभासी बातें करने के लिए जाना जाता है : उग्रवादी राष्ट्रवादी से अपने गुप्त पारिवारिक जीवन तक, साम्यवाद के प्रति रुझान, भोजनप्रियता और यदि स्वयं को उदारवादी के रूप में पेश न कर सके तो मध्यमार्गी की तरह पेश करने तक I यह पुस्तक वाजपेयी के करियर के अहम पड़ावों और एक अनुभवी राजनेता के रूप में उनकी विशेषताओं को खंगालती हुई उनके अपनी पार्टी के नेताओं से संबंधों और आरएसएस तथा उसके सहयोगी संगठनों के साथ प्रेम व् द्वेष वाले संबंधों पर नज़र डालती है I बेहतरीन शोध, पुख़्ता तथ्यों से समर्थित तथा अंतर्कथाओं और उपाख्यानों के साथ, अंतर्दृष्टियों से युक्त साक्षात्कारों तथा सहेजने योग्य छायाचित्रों से सज्जित यह पुस्तक एक कवि-राजनेता के जीवन की झलक पेश करती है I