Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Home Reference Language & Essay Upanyas : Samaya Aur Samvedana
Enjoying reading this book?
Upanyas : Samaya Aur Samvedana
by Vijay Bahadur Singh
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorVijay Bahadur Singh
PublisherVani Prakashan
Synopsisसमीक्षात्मक शैली में लिखी गयी किताब उपन्यास विधा के उन तमाम पहलुओं पर गहनतम अध्ययन है जो आम पाठक की पहुँच से दुर होते हैं। लेखक ने विभिन्न उपन्यासों पर लिखी अपनी इन समीक्षाओं के सहारे हिन्दी साहित्य की उपन्यास विधा को बहुत ही रोचक ओर मनोरंजक बनाकर पेश किया है। पाठक जो बार-बार उपन्यास-लेखन के भारतीय स्रोतों और परम्पराओं की खोज में निकाल जाते हैं, कथा और आख्यायिका के तात्विक भेद और इतिहास ढूँढने में जुट जाते हैं। वह आपका अति भारतीयतावाद तो नहीं है या फिर अति पश्चिमवाद की प्रातक्रिया मात्र है। समकालीन उपन्यास की मुख्य चेतना इसी उदार-मानव बोध, शब्दों में सही विश्व-बोध को प्रस्तुत करने की है।