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Tilsam
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Tilsam

by Sharad Joshi
4.2
4.2 out of 5

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Creators
Author Sharad Joshi
Publisher Rajpal
Synopsis

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Binding: PaperBack
About the author शरद जोशी अपने समय के अनूठे व्यंग्य रचनाकार थे। अपने वक्त की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विसंगतियों को उन्होंने अत्यंत पैनी निगाह से देखा। अपनी पैनी कलम से बड़ी साफगोई के साथ उन्हें सटीक शब्दों में व्यक्त किया। पहले वह व्यंग्य नहीं लिखते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी आलोचना से खिन्न होकर व्यंग्य लिखना शुरू कर दिया। वह देश के पहले व्यंग्यकार थे, जिन्होंने पहली दफा मुंबई में ‘चकल्लस’ के मंच पर 1968 में गद्य पढ़ा और किसी कवि से अधिक लोकप्रिय हुए। शरद जोशी के व्यंग्य में हास्य, कड़वाहट, मनोविनोद और चुटीलापन दिखाई देता है, जो उन्हें जनप्रिय रचनाकार बनाता है। शरद जोशी के व्यंग्य परिस्थितिजन्य होने के साथ उनमें सामाजिक सरोकार होते थे, जबकि वर्तमान समय के व्यंग्यकारों में सपाटबयानी अधिक होती है। शरद जोशी का जन्म 21 मई 1931 को उज्जैन में हुआ था। क्षितिज, छोटी सी बात, साँच को आँच नहीं, गोधूलि और उत्सव फिल्में लिखने वाले शरद जोशी ने 25 साल तक कविता के मंच से गद्य पाठ किया। बिहारी के दोहे की तरह शरद अपने व्यंग्य का विस्तार पाठक पर छोड़ देते हैं। इस वक्त लोग व्यंग्य से दूर हो रहे हैं, क्योंकि सामाजिक परिस्थितियाँ इतनी खराब होती जा रही है, जो लोग व्यंग्य के शब्दों में छिपी वेदना को अभिव्यक्त करने वाले को स्वीकार करने में हिचकते है। इसको सहजता से पीने का काम शरद जोशी करते थे।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajpal
  • Pages: 144
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9789350641835
  • Category: Satire & Humour
  • Related Category: Humour
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