logo
Home Nonfiction Biographies & Memoirs Thaharti Sanson Ke Sirhane Se : Jab Zindagi Mauj Le Rahi Thi
product-img
Thaharti Sanson Ke Sirhane Se : Jab Zindagi Mauj Le Rahi Thi
Enjoying reading this book?

Thaharti Sanson Ke Sirhane Se : Jab Zindagi Mauj Le Rahi Thi

by Ananya Mukherjee
4.9
4.9 out of 5

publisher
Creators
Publisher Rajkamal Prakashan
Translator Urmila Gupta
Synopsis अनन्या मुखर्जी के शब्दों में कहें तो ‘जब मुझे पता चला कि मुझे ब्रैस्ट कैंसर है, मैं विश्वास नहीं कर सकी। इस ख़बर ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया। लेकिन, जल्द ही मैंने अपने आत्मविश्वास को समेटकर अपने को मजबूत किया। मैं जानती थी कि सब कुछ ठीक हो जाएगा...’ लेकिन पहली बार हुआ कि वो भविष्य के अंधेरों से जीत नहीं पाई। 18 नवंबर 2018 को अनन्या, कैंसर से अपनी लड़ाई हार गईं। लेकिन, अनन्या जीवित हैं, दोस्तों- परिवार की उन खूबसूरत यादों में जिसे वो उनके लिये छोड़ गई हैं। साथ ही, डायरी के उन पन्नों में जो कैंसर की लड़ाई में उनका साथी रहा। यह किताब कैंसर की अंधेरी लड़ाई में एक रोशनी की तरह है (कमरे की खिड़की पर बैठे गंदे कौवे की तुलना अपने एकदम साफ़, बिना बालों के सर से करना), एक कैंसर के मरीज़ के लिए कौन सा गिफ्ट्स उपयोगी है ऐसी सलाह देना (जैसे रसदार मछली भात के साथ कुछ उतनी ही स्वादिष्ट कहानियां एक अच्छा उपहार हो सकता है), साथ ही एक कैंसर मरीज़ का मन कितनी दूर तक भटकता है (जैसलमेर रोड ट्रिप और गंडोला – एक तरह का पारंपरिक नाव – में बैठ इटली के खूबसूरत, पानी में तैरते हुए शहर वेनिस की सैर ‘टेल्स फ्रॉम द टेल एंड’ किताब उम्मीद है, हिम्मत है. यह किताब सुबह की चमकती, गुनगुनाती धूप की तरह ताज़गी से भरी हुई है जो न केवल कैंसर से लड़ते मरीज़ के लिए बल्कि हम सभी के लिए, जो अपने-अपने हिस्से की लड़ाई लड़ते आये हैं, उनके लिए कभी न हार मानने वाली उम्मीद की किरण है. Quote -- ‘शरीर के अंदर बीमारी से लड़ना किसी अँधेरी गुफ़ा के भीतर घुसते जाना है, इस विश्वास के साथ कि इसका अंतिम सिरा रौशनी से भरा होगा । काश, मैं अनन्या से मिलकर उन्हें बता सकता कि उन्होंने कितनी खूबसूरती से कैंसर से लड़ाई की कहानी इस किताब में लिखी है ।‘ – युवराज सिंह Quote -- कैंसर से लडती अनन्या की कहानी जीने का सलीका बताती है । उन छोटी-छोटी तमाम चीजों के लिए शुक्रगुज़ार होना सिखाती है जिसे हम अहमियत नहीं देते । अनन्या की कहानी में उनकी हिम्मत और सच्चाई साफ़ झलकती है, इसे पढ़ते हुए ऐसा लगता है कि वो पास बैठ इसे सुना रही हैं । - मनीषा कोइराला

Enjoying reading this book?
Binding: PaperBack
About the author अनन्या मुखर्जी ने अपना बचपन नागपुर और दिल्ली में बिताया, जहाँ उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई की। उन्होंने सिम्बायोसिस कॉलेज, पुणे से मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की, और वे अपने बैच की टॉपर थीं। पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह आस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ वोल्लोंगोंग गई। अपने सत्रह साल के पेशेवर जीवन में उन्होंने कई जानी मानी पीआर कम्पनियों और कॉर्पोरेट कम्पनियों के साथ काम किया, जिनमें कॉर्पोरेट वोयस, गुड रिलेशंस, इंजरसोल रैंड और डालमिया भारत ग्रुप शामिल हैं। 2012 में शादी के बाद वे जयपुर चली गई, जो उनका दूसरा घर बन गया। 2016 में पता चला कि अनन्या को स्तन कैंसर था, जब उनका इलाज चल रहा था तो उन्होंने कैंसर से जुड़े अपने अनुभवों, और इस बारे में कि कैंसर का मुकाबला किस तरह किया जाए के बारे में लिखना शुरू कर दिया, जो इस किताब के रूप में सामने है। कीमोथेरेपी के पचास से अधिक सत्रों से गुज़रने के बावजूद अनन्या शब्दों से जादू जगा देती थीं। यह किताब उन लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण की तरह हो सकती है जिनको कैंसर है और उनके परिजनों तथा देखभाल करने वालों के लिए भी जो मरीज़ के साथ-साथ इस बीमारी को अनुभव कर रहे होते हैं। 18 नवम्बर, 2018 को अनन्या कैंसर से लड़ाई हार गई।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 104
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9789388933704
  • Category: Biographies & Memoirs
  • Related Category: Biographies
Share this book Twitter Facebook
Related articles
Related articles
Related Videos


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Nanya by Prabhu Joshi
Peeli Aandhi by Prabha Khetan
Manrega by Dr. Vishnu Rajgadia
Patriyan by Bhishm Sahni
Jane Pahachane Log by Harishankar Parsai
Sansad Se Sarak Tak by Dhoomil
Books from this publisher
Related Books
Jeete Jee Allahabad Mamta Kaliya
Anton Chekhov and George Bernard Shaw VINOD BHATT
Nindak Niyare Rakhiye Surendra Mohan Pathak
Thackeray Bhaau Daval Kulkarni
Devi Ke DPT Banane Ki Kahani Pushpesh Pant
Dharm Se Aagey : Sampurna Sansar Ke Liye Naitikta Dalai Lama
Related Books
Bookshelves
Stay Connected