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StreePurush Kuchh Punarvichar
by Rajkishor
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorRajkishor
PublisherVani Prakashan
Synopsisस्त्री-पुरुषों के सम्बन्धों के व्याकरण का अध्ययन वास्तव में सभ्यता के व्याकरण का ही अध्ययन है, क्योंकि यह सभ्यता है जो उन्हें एक ओर तो प्रकृति की परवशताओं से आज़ाद करती है तो दूसरी ओर उनके रिश्तों में तरह-तरह के विकार पैदा करती है। स्त्री-पुरुष की सबसे अंतरंग सहचर और स्त्री-पुरुष का सबसे प्यारा दोस्त। लेकिन वे एक-दूसरे के लिए जितना सुख पैदा करते हैं उससे ज्यादा तनाव, तो इसका रहस्य उन अनावश्यक पेचीदगियों में है जो स्त्री-पुरुष संबंध की जड़ में पिरो दी गयी हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि जब दूसरे सभी उपनिवेशों का अंत हो रहा है, स्त्री कि औपनिवेशिकता में सिर्फ सतही या शृंगारिक बदलाव आए हैं। अतः इस पुस्तक में स्त्री-पुरुष के संबंधो पर गहरी नज़र से विचार किया गया है।