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Home Literature Novel Shikhar Ki Dhalan
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Shikhar Ki Dhalan
by Tarun J. Tejpal
4.7
4.7 out of 5
Creators
AuthorTarun J. Tejpal
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisधनहीन, लेकिन प्रेम की गरिमा से रचा-बसा एक नौजवान युगल छोटे से एक कस्बे से बड़े शहर में आता है। युवक यहाँ दिन-रात अपने उपन्यास को पूरा करने में जुटा है; अपनी खूबसूरत बीवी की इच्छा ही बीच-बीच में उसका हाथ रोकती है। कुछ समय बाद वे शहर को छोड़कर मध्य हिमालय के एक पुराने घर में चले जाते हैं। इस घर को रहने लायक बनाते समय युवक को एक पेटी मिलती है, जिसमें घर की पुरानी मालकिन की डायरियाँ भरी हैं और, तब खुलता है एक दूसरी दुनिया का, एक दूसरे ही वक्त का दरवाजा, और एक कहानी के अँधेरे रहस्यों का...।
चर्चित पत्रकार तरुण तेजपाल का मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा उपन्यास ‘द अल्केमी ऑफ़ डिज़ायर’ दुनिया की एक दर्जन से ज्यादा भाषाओं में अनूदित हो चुका है, और विश्व के लाखों पाठकों तक पहँुच चुका है। नोबेल विजेता, भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक वी.एस. नायपाल ने इसे भारत में लिखा गया ‘प्रतिभापुष्ट मौलिकता’ से सम्पन्न उपन्यास कहा। शिखर की ढलान इसी उपन्यास का उत्तम अनुवाद है।
ऐन्द्रिकता और आवेग से भरे इस उपन्यास को विश्व-भर के पत्र-पत्रिकाओं और आलोचकों ने सराहा है, और इसे भारत के किसी अंग्रेजी लेखक की अभूतपूर्व रचना माना है।
‘बोस्टन ग्लोब’ की टिप्पणी है:
‘‘तेजपाल ने एक तीव्रगामी और ऐंद्रिक उपन्यास लिखा है, जो भारत के जनसाधारण पर दशकों से काबिज समझदार और छिद्रान्वेषी नैतिकता को सही करने की कोशिश करता है। इसके स्पष्ट, रक्ताभ आवेग और इसकी विराट महत्त्वाकांक्षा की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जा सकता। यह उपन्यास उल्लास की चीख है। जो सशक्त और पुख्ता आन्तरिक जीवन के महत्त्व को उस समाज में रहते हुए रेखांकित करता है जो समाज किनारों से उधड़ने, छीजने लगा है। भारतीय जनजीवन के विषय में लिखने की ईश्वर-प्रदत्त क्षमता से सम्पन्न तेजपाल सम्भवतः समझते हैं कि ऐसे समाज में जहाँ टुटपुंजिया भ्रष्टाचार व्याप्त हो, युद्ध के नगाड़े पीटे जाते हों, परमाणु परीक्षण को लेकर शेखी बघारी जाती हो, और जहाँ गरीबों को लूटनेवाले और अमीरों की शरण पड़े साधु-संन्यासी हों, वहाँ घरेलू जीवन का क्या महत्त्व है, और एक ऐसी जगह बनाने की जरूरत भी कितनी है जहाँ व्यक्ति इस सबको छोड़कर अपने आत्म के साथ रह सके।’’