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Shaalgirah Ki Pukar Per
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Shaalgirah Ki Pukar Per

by Mahashweta Devi
4.4
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Publisher Radhakrishna Prakashan
Synopsis हिंदुस्तान में गोराशाही लूट पर टिकी थी । व्यापार करने आई ईस्ट इंडिया कंपनी ने लूट-व्यापार को स्थायी बनाने के लिए षड्‌यंत्र और सैनिक हस्तक्षेप के जरिए 1757 में प्लासी-युद्ध में जीत के बाद सत्‍ता हाथ में ले ली । मगर रियाया पर प्रभुत्व स्थापित करना आसान न था । गोरों के खिलाफ असंतोष फैलने लगा था । मुनाफे के लिए गोरे अकाल और भूख की तिजारत कर रहे थे । अपने शासन-क्षेत्र का विस्तार कर रहे थे । बिहार-बंगाल के जंगल के दावेदार संथालों से अपना लोहा मनवाने और उनकी स्वतंत्र-प्रवृत्ति पर काबू पाने के लिए गोरों ने जंगल-उत्पादों, धान-चावल की खरीद शुरू की । गोरों ने बाजार को हथियार बनाया । संथाल भड़क उठे और विद्रोह की कमान सँभाली संथाल परगना के आदि विद्रोही तिक्का माँझी ने । संथाल जीवन और गोरों के विरुद्ध उनके ऐतिहासिक संग्राम की गाथा शाल-गिरह की पुकार में प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी की प्रखर लेखनी से । यह न केवल इतिहास है बल्कि हर भारतीय के लिए गौरव-स्मृति भी ।

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Binding: HardBack
About the author जन्म : 1926, ढाका। पिता श्री मनीष घटक सुप्रसिद्ध लेखक थे। शिक्षा : प्रारम्भिक पढ़ाई शान्तिनिकेतन में, फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए.। अर्से तक अंग्रेजी का अध्यापन। कृतियाँ अनेक भाषाओं में अनूदित। हिन्दी में अनूदित कृतियाँ : चोट्टि मुण्डा और उसका तीर, जंगल के दावेदार, अग्निगर्भ, अक्लांत कौरव, 1084वें की माँ, श्री श्रीगणेश महिमा, टेरोडैक्टिल, दौलति, ग्राम बांग्ला, शालगिरह की पुकार पर, भूख, झाँसी की रानी, आंधारमानिक, उन्तीसवीं धारा का आरोपी, मातृछवि, सच-झूठ, अमृत संचय, जली थी अग्निशिखा, भटकाव, नीलछवि, कवि वन्द्यघटी गाईं का जीवन और मृत्यु, बनिया-बहू, नटी (उपन्यास); पचास कहानियाँ, कृष्णद्वादशी, घहराती घटाएँ, ईंट के ऊपर ईंट, मूर्ति, (कहानी-संग्रह); भारत में बँधुआ मजदूर (विमर्श)। सम्मान : ‘जंगल के दावेदार’ पुस्तक पर ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’। ‘मैगसेसे अवार्ड’ तथा ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ द्वारा सम्मानित। निधन : 28-07-2016 (कोलकाता)।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Radhakrishna Prakashan
  • Pages: 184
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 817119379X
  • Category: Novel
  • Related Category: Modern & Contemporary
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