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Home Literature Novel Sardhana Ki Begham
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Sardhana Ki Begham
by Rangnath Tiwari
4.8
4.8 out of 5
Creators
AuthorRangnath Tiwari
PublisherRadhakrishna Prakashan
Synopsisऐतिहासिक उपन्यास में अपने समय की कहानी होती हे जिसमें विराट काल-पुरुष के आँसू और मुस्कान, समय की सीमा को लाँघकर अविकल रूप से छलकते रहते है । सरधाना की बेगम एक ऐतिहासिक उपन्यास है जिसमें बेगम समरू और आयरिश सोल्जर जॉर्ज थॉमस की रूहानी कशमश साकार हो उठी है ।
सरधाना की बेगम एक अजीबो-गरीब शख्सियत । सियासत जिसके खून में रची-पची थी और मक्कारी जिस के वजूद का हिस्सा । मैदाने-जंग में वह जब मर्दाना भेष में अपनी कवायदी फौज और लाव-लश्कर के साथ 1 उतरती तो अच्छे-अच्छों के छक्के छूट जाते ।
दिल्ली का बादशाह शाहआलम उसे अपनी बेटी कहता और शाहआलम के वकील-ए-मुतल्लक (वजीर) माधोजी सिन्धिया उसे अपनी समशिरा बहन अर्थात् सगी बहन कहते और जिससे राखी बँधवाते ।
सगीत उसकी साँसों में था
और नृत्य की लय उसके तन-बदन में
सूफी तसव्वुफ उसका ईमान था
और ईसा मसीह की प्रेम-संवेदना
उसकी कहानी इकादत
जाट-मराठा-पठान-जर्मन-फ्रांसीसी, आयरिश तथा अंग्रेज जाँबाजों के हौसलों को वह बार-बार चकमा देकर अपनी बहादुरी और हुस्नोजमाल का भरम कायम रखने वाली कयामत का नाम है-सरधाना की बेगम, जिसके जिक्र के बिना अठारहवीं शताब्दी के उत्तरी भारत की अन्दरूनी कहानी अधूरी रह जाती है ।