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Saat Paise Tatha Anya Hugarian
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Saat Paise Tatha Anya Hugarian

by Moriez Zsigmond
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Creators
Author Moriez Zsigmond
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis वख्यात हंगेरियन कथाकार मोरित्स जिग्मोन्द (1879–1942) ने भारतीय ग्रामीण जीवन पर केन्द्रित एक वृत्तचित्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने उपन्यास ‘रोजा शान्दोर अपने घोड़े को कुदाता है’ में लिखा था % ‘‘कल शाम को न्यूज़ सिनेमा में मैंने भारतीय लोगों का जीवन देखा । ऐसा लगा जैसे मैंने वही दृश्य देखा हो । घर में बनाए और सिले ढीले कपड़े पहने औरतें, अधनंगे युवा और पूरी तरह नंगे बच्चे । ये सब बड़ी संख्या में साथ–साथ, धूप से बचने की कोशिश करते हुए, एक बड़े नारियल के पेड़ की छाया में लेटे थे । गंगा नदी में चलती नावों की छतें वैसी ही हैं जैसी हंगेरियन गाँवों की घोड़ा–गाड़ियों की छतें होती हैं । ये लोग उसी में जीवन बिता देते हैं । इसी तरह लगभग सौ साल पहले हंगेरियन दास रहते थेµनंगे पाँवय जैसे भारतीय अछूत । किसी के पाँव में चमड़े का जूता नहीं है । मुझे आश्चर्य हुआ कि ये लोग हंगेरियन जनता से कितने मिलते–जुलते हैं! इनके आचार–व्यवहार और भाव–भंगिमाएँ ऐसी थीं कि मुझे लगा कि मैं शायद बचपन के अपने भाइयों को देख रहा हूँ । मैंने अपनी माँ को भी पहचान लिया । अन्तर केवल इतना था कि हंगेरी में नाक की नथ कभी लोकप्रिय न थी ।’’ भारतीय ग्रामीण जीवन के प्रति मोरित्स जिग्मोन्द की संवेदना दरअसल न केवल उनके साहित्य में व्यक्त हंगेरियन ग्रामीण जीवन का विस्तार है, बल्कि मोरित्स की सार्वभौमिकता की भी द्योतक है । मोरित्स की लगभग सभी कहानियाँ हंगेरियन जीवन पर आधारित हैं, लेकिन उनकी महान प्रतिभा ने बहुत व्यापक पाठक वर्ग का ध्यान आकर्षित किया है । संसार की सभी प्रमुख भाषाओं में अनूदित होकर उनकी रचनाएँ विश्व साहित्य की धरोहर बन चुकी हैं । हिन्दी में मोरित्स की प्रसिद्ध कहानियों के इक्का–दुक्का अनुवाद मौजूद हैं । लेकिन ये सब अनुवाद अंग्रेजी के माध्यम से किए गए हैं । हंगेरियन और अंग्रेजी भाषा के बीच जो दूरी है, वैसी हिन्दी और हंगेरियन में नहीं है । इसका एक कारण हंगेरियन समाज और संस्कृति का ग्रामीणोन्मुखी होना है । हंगेरी के ग्रामीण जीवन की भाषा में ऐसे शब्दों की कमी नहीं है जिनके बहुत सटीक पर्याय हिन्दी में हैं । मोरित्स जिग्मोन्द की कहानियाँ पहली बार पुस्तकाकार हिन्दी में प्रकाशित रही हैं । विश्वास है, ये कहानियाँ पाठकों को बेहद पसन्द आएँगी ।

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Binding: HardBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 128
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788126718566
  • Category: Short Stories
  • Related Category: Novella
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