logo
Home Nonfiction Biographies & Memoirs Rinjal Dhanjal
product-img product-img
Rinjal Dhanjal
Enjoying reading this book?

Rinjal Dhanjal

by Phanishwarnath Renu
4.2
4.2 out of 5

publisher
Creators
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis सन् 1966 का भयानक सूखा - जब अकाल की काली छाया ने पूरे दक्षिण बिहार को अपनी लपेट में ले लिया था और शुष्कप्राण धरती पर कंकाल ही कंकाल नजर आने लगे थे...और सन् 1975 की प्रलयंकर बाढ़ - जब पटना की सड़कों पर वेगवती वन्या उमड़ पड़ी थी और लाखों का जीवन संकट में पड़ गया था... अक्षय करुणा और अतल-स्पर्शी संवेदना के धनी कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु प्राकृतिक प्रकोप की इन दो महती विभीषिकाओं के प्रत्यक्षदर्शी तो रहे ही, बाढ़ के दौरान कई दिनों तक एक मकान के दुतल्ले पर घिरे रह जाने के कारण भुक्तभोगी भी। अपने सामने और अपने चारों ओर मानवीय विवशता और यातना का वह त्रासमय हाहाकार देखकर उनका पीड़ा-मथित हो उठना स्वाभाविक था, विशेषतः तब, जब कि उनके लिए हमेशा ‘लोग’ और ‘लोगों का जीवन’ ही सत्य रहे। आगे चलकर मानव-यातना के उन्हीं चरम साक्षात्कार-क्षणों को शाब्दिक अक्षरता प्रदान करने के क्रम में उन्होंने संस्मरणात्मक रिपोर्ताज़ लिखे, और उन्हीं का संकलित रूप यह ऋणजल धनजल है। इसमें वस्तुतः व्यापक मानवीय पीड़ाबोध की वह ‘अकथ कथा’ वर्णित है जो अक्षरशिल्पी रेणु की विलक्षण अन्तर्भेदी दृष्टि और लेखनी का संस्पर्श पाकर सहज ही शब्दचित्रात्मक और आश्चर्यजनक रूप से जीवन्त हो उठी है।

Enjoying reading this book?
Binding: PaperBack
About the author फणीश्‍वर नाथ रेणु {4 मार्च 1921 - 11 अप्रैल, 1977}, ने 1942 के भारत-छोड़ो आंन्दोलन के सक्रिय स्वन्त्रता भाग लिया। 1950 में नेपाली दमनकारी रणसत्ता के विरूद्ध सशस्त्र क्रांति के सूत्रधार रहे। 1954 में 'मैला आँचल' उपन्यास प्रकाशित हुआ तत्पश्चात् हिन्दी के कथाकार के रूप में अभूतपूर्व प्रतिष्ठा मिली। इनकी लेखनशैली वर्णणात्मक थी जिसमें पात्र के प्रत्येक मनोवैज्ञानिक सोच का विवरण लुभावने तरीके से किया होता था। इनकी लगभग हर कहानी में पात्रों की सोच घटनाओं से प्रधानहोती थी। एक आदिम रात्रि की महक इसका एक सुंदर उदाहरण है। इनकी कहानी मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम) पर इसी नाम "तीसरी कसम"से राजकपूरऔर वहीदा रहमान की मुख्य भूमिका में प्रसिद्ध फिल्म बनी जिसे बासु भट्टाचार्य ने निर्देशित किया और सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र इसके निर्माता थे। यह फिल्म हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर कही जाती है।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 112
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9788126710294
  • Category: Biographies & Memoirs
  • Related Category: Biographies
Share this book Twitter Facebook
Related articles
Related articles
Related Videos


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Dastangoi by Mahmood Farooqui
Kitne Chaurahe by Phanishwarnath Renu
Kash Ka Vinash by Roberto Calasso
Pratinidhi Kahaniyan : Hrishikesh Sulabh by Hrishikesh Sulabh
Main Kyon Nahin by Paru Madan Naik
Bhadrapad Ki Sanjh by Ravindranath Tyagi
Books from this publisher
Related Books
Paltu Babu Road Phanishwarnath Renu
Juloos Phanishwarnath Renu
Juloos Phanishwarnath Renu
Aadim Ratri Ki Mehak Phanishwarnath Renu
Pranon Mein Ghule Huye Rang Phanishwarnath Renu
JULOOS Phanishwarnath Renu
Related Books
Bookshelves
Stay Connected