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Home Hobbies Drama & Theatre Rangmanch Ka Soundyashastra
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Rangmanch Ka Soundyashastra
by Devendra Raj Ankur
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorDevendra Raj Ankur
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisदेवेन्द्र राज अंकुर ने अपनी इस पुस्तक में रंगमंच को सौन्दर्यशास्त्रीय दृष्टि से देखा है। यह पुस्तक रंगमंच के सौन्दर्यशास्त्र को व्याख्यायित करनेवाली हिन्दी में अपने ढंग की पहली पुस्तक है। यह सच है कि हिन्दी रंगमंच के प्रसिद्ध आलोचक नेमिचन्द्र जैन ने नाट्य-आलोचना पर केन्द्रित अपनी कृतियों में नाटक के सौन्दर्य-शास्त्र की अवधारणा को विकसित करने में मत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन देवेन्द्र राज अंकुर की इस पुस्तक में ही सर्वप्रथम रंगमंच के सौन्दर्यशास्त्र को ठोस आधार मिला और इसकी सर्वांगीण विवेचना हुई।
‘रंगमंच का सौन्दर्यशास्त्र’ ऐसी पुस्तक है जो प्रमाणित करती है कि नाटक और रंगमंच के सौन्दर्यशास्त्रीय प्रतिमान किसी दूसरे कला-माध्यम का मिश्रित रूप नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र और पृथक अस्तित्ववाला सौन्दर्यशास्त्र है। यह पुस्तक प्रकारान्तर से यह सवाल भी उठाती है कि नाटक और रंगमंच में लिखित आलेख और उसकी प्रस्तुति का क्या कोई अलग-अलग सौन्दर्यशास्त्र होना चाहिए? अथवा दोनों के लिए एक शास्त्र से काम चल सकता है? नाटक व उसकी प्रस्तुति से पहले रंगमंच के सौन्दर्यशास्त्र पर एक संवाद आरम्भ करने की कोशिश भी है यह पुस्तक।