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Home Literature Short Stories Putrikameshti
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Putrikameshti
by Sachchidanand Joshi
4.8
4.8 out of 5
Creators
AuthorSachchidanand Joshi
PublisherSamayik Prakashan
Synopsisबहु प्रशंसित कथाकार और संस्कृतिकर्मी सच्चिदानंद जोशी का यह कहानी संग्रह ‘पुत्रिकामेष्टि’ बताता है कि वह नई दृष्टि के कथाकार तो हैं ही, साथ ही वह अपनी भाषा और कहन के माध्यम से इस नए कथा–समय के पाठकों को प्रभावित करते हैं । ‘पुत्रिकामेष्टि’ में सच्चिदानंद जोशी की तेरह कहानियां संग्रहीत हैं । पाठक पाएंगे कि न केवल कहन के अंदाज की दृष्टि से बल्कि विषयवस्तु की दृष्टि से भी ये रचनाएं विविधता लिए हैं । यहां कथा अपने कथ्य के अनुरूप ही आकार ग्रहण करती है, किसी पूर्वनिश्चित आकार–सीमा में नहीं । रचनाकार का ध्यान नई दृष्टि और बर्ताव पर तो रहा ही है साथ ही वह इसके लिए नई शब्दावली सामने रख सभी को चकित भी कर देता है । जीवन को देखना, संवारना और नया रूप देना ही नहीं, सच्चिदानंद जोशी के कथाकार को परम्पराओं और संस्कारों से परिचित कराना भी खूब रुचता है । वह कथा में जिज्ञासा तो जगाते ही हैं, पठनीयता की रसवान धारा भी प्रवाहित करते हैं और पाठक को नयी चेतना का संवाहक बनाने के लिए प्रेरित भी करते हैं । रचनात्मक साहस से साक्षात्कार के लिए ही नहीं, सामाजिक परिवर्तन की भूमिका में उतरने के लिए भी इन कहानियों से होकर गुजरना एक विशिष्ट अनुभव होगा ।