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Meri Priya Kahaniyaan
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Meri Priya Kahaniyaan

by Acharya Chatursen
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Creators
Publisher Rajpal
Synopsis हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुग़लकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था । तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था इनको आधार बनाकर उन्होंने कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो अनाज भी सार्थक हैं । साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखी । प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद की और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।

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Binding: PaperBack
About the author आचार्य चतुरसेन शास्त्री (26 अगस्त 1891 – 2 फ़रवरी 1960) हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले के चांदोख में हुआ था। आचार्य का अधिकांश लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित था। चतुरसेन शास्त्री हिन्दी के उन साहित्यकारों में हैं जिनका लेखन-क्रम साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा में सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होने ने लगभग पचास वर्ष के लेखकीय जीवन में 177 कृतियों का सृजन किया।वे मुख्यत: अपने उपन्यासों के लिए चर्चित रहे हैं। उन्होंने अपनी किशोरावस्था से ही हिन्दी में कहानी और गीतिकाव्य लिखना आरंभ कर दिया था। बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैलता गया और वे उपन्यास, नाटक, जीवनी, संस्मरण, इतिहास तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे। शास्त्रीजी अध्येता ही नहीं, कुशल चिकित्सक भी थे। उन्होंने आयुर्वेद संबंधी लगभग एक दर्जन ग्रंथ लिखे। व्यवसाय से वैद्य होने पर भी उन्होंने साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि बनाए रखी। शास्त्रीजी अपनी शैली के अनोखे लेखक थे, जो अपने कथा-साहित्य में भी इतिहास, राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र और युगबोध से सम्पृक्त विविध विषयों को दृष्टि में रखकर लिखते थे। उन्होंने उपन्यासों के अलावा और भी बहुत कुछ लिखा है। उन्होने प्राय: साढ़े चार सौ कहानियाँ लिखीं हैं। गद्य-काव्य, धर्म, राजनीति, इतिहास, समाजशास्त्र के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर भी उन्होंने अधिकारपूर्वक लिखा है। रचनाकारों ने तिलस्मी एवं जासूसी उपन्यास लिखे जो कि उन दिनों अत्यन्त लोकप्रिय हुए।आचार्य चतुरसेन के उपन्यास रोचक और दिल को छूने वाले होते है। यह बचपन से ही आर्य समाज से प्रभावित थे और इन्होंने अनाज मंडी शाहदरा का घर दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड को दान कर दिया था, जिसमें आजकल विशाल लाइब्रेरी है।इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षाम: और वैशाली की नगरवधू , सोना और खून (तीन खंड), रक्त की प्यास, हृदय की प्यास, अमर अभिलाषा, नरमेघ, अपराजिता, धर्मपुत्रइत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajpal
  • Pages: 128
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9789350640524
  • Category: Short Stories
  • Related Category: Novella
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