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Home Literature Poetry Kavita Kaaran Dukh
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Kavita Kaaran Dukh
by Rajkumar Kumbhaj
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorRajkumar Kumbhaj
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsis'कविता कारण दुख' सुधि पाठकों को कुछ-कुछ अपना-म लगेगा और कुछ-न-कुछ बेहत्तर सोच-विचार के लिए प्रेरित व विवश भी कॉमा; क्योंकि प्रारम्भिक्र तोर पर अति…सस्लीकृत्त-प्ती दिखाई देने वाली इन कविताओं में बै-हि-बल-राजनीति और बैशिबल-कविता के अक्षांश का सारांश भी साज ही देखा जा सकता है । यह ज़रा भी अन्यथा नहीं है कि उनकी कविताओं का भूल स्वर मनुष्य, मनुष्यता, प्रेम और सत्ता-विरोध ही अधिक है । वे सामाजिक विदृ१ताओं के विपक्ष और आम आदमी की पीडा के यक्ष में सदैव ही मुस्तेदी से खडे दिखाई देते है ।