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Home Literature Poetry Kashmir Ka Bhavishya
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Kashmir Ka Bhavishya
by Rajkishor
4.6
4.6 out of 5
Creators
AuthorRajkishor
PublisherVani Prakashan
Synopsisकश्मीर या देश के अन्य हिस्सों में भी अलगाववादी आंदोलनों की समस्या वास्तव में राज्य की आंतरिक संप्रभुता के केंद्रीकरण की समस्या है. और इनका समाधान नए आंतरिक संप्रभुओं को पैदा करके नहीं किया जा सकता. ब्रिटिश शासन के समय मुस्लिम जनता के सांस्कृतिक अलगाव हिन्दुओं द्वारा उत्पीड़न और चुनावी लोकतंत्र में हमेशा के लिए मुस्लिमों के अल्पसंख्यक रह जाने के भय के आधार पर पृथक मुस्लिम राष्ट्र राज्य का जन्म हुआ. जो कि वास्तव में संप्रभुता के केंद्रीकरण की समस्या का तदर्थ उपाय ही साबित हुआ है. क्योंकि भाषाई व सांस्कृतिक आधार पर राष्ट्रीयता और पंजाबी लोगों के बांग्ला लोगों पर वर्चस्व के विरुद्ध नए संप्रभु बांग्लादेश का जन्म हुआ. बलूच संप्रभुता के लिए संघर्ष अभी जारी ही है. इस विखंडन और विभाजन की क्या कोई सीमा भी है?