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Home Nonfiction Biographies & Memoirs Jab Jindagi Muskura Di…
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Jab Jindagi Muskura Di…
by K. D. Singh
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorK. D. Singh
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsisबहुपठित युवा व्यंगकार के.डी. सिंह की यह किताब दरअसल जीवन की गुजरी राहों से, कुछ यादगार टुकड़े, जो लेखक के तो हैं ही इसमें आप और हम भी होंगे। इन्ही टुकड़ा-टुकड़ा स्मृति को सहेजती हुई ये किताब 'जब जिंदगी मुस्कुरा दी' लेखक के चालीस वर्षों के सिंहावलोकन के कुछ पुंज, कुछ अपने, कुछ अपनों के अनुभव अच्छे-बुरे लोगों के सानिध्य और कच्चे पक्के दुनियावी रास्तों से गुजरते हुए, जीवन के कुछ अनमोल और न भूलने वाले चित्र हैं, जो जीवन की स्मृतियों को सार्वजनिक तौर पर साझा करते हैं। ये संस्मरण हैं, स्मृति चित्र हैं बीती जिंदगी के, पर जिनकी रोशनी आगे के जीवन पथ को भी सदैव आलोकित करती है यह किताब खूब पढ़ी जाएगी, ऐसा मुझे यकीन है। जाने कितना जीवन, पीछे छूट गया अनजाने में अब तो कुछ क़तरे हैं बाक़ी, साँसों के पैमाने में इतना जान लिया तो यारो, कैसी बंदिश उनवाँ की अपना अपना रंग भरेगा, हर कोई अफ़्साने में!