Hamari Sanskritik Ekta : Dinkar Granthmala
by Ramdhari Singh Dinkar
Creators
Publisher
Lokbharti Prakashan
Synopsis
हिन्दू-संस्कृति की पाचन-शक्ति बड़ी ही प्रचंड मानी जाती है । इसका कारण शायद यह है कि जब आर्य इस संस्कृति का निर्माण करने लगे, तब उनके सामने अनेक जातियों को एक संस्कृति में पचाकर समन्वित करने का सवाल था जो उनके आगमन के पहले से ही इस देश में बस रही थी । अतएव उन्होंने आरम्भ से ही हिन्दू-संस्कृति का ऐसा लचीला रूप पसंद किया जो प्रत्येक नई संस्कृति से लिपटकर उसे अपनी बना सके ।
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About the author
रामधारी सिंह 'दिनकर' (23 सितंबर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है। उन्होंने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था।
'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है।
उर्वशी को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जबकि कुरुक्षेत्र को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 74 वाँ स्थान दिया गया
रचनाएँ:-
अमृत मंथन , अर्धनारीश्वर , भग्न वीणा , चिंतन के आयाम , धुप छांह , दिनकर रचनावली (Vol . 1-4) , द्वन्द्वगीत , हुंकार , कवि और कविता , कविता और सुध कविता , कविता की पुकार ,
काव्य की भूमिका , मिट्टी की ओर , नए शुभाषित , नील कुसुम , पंडित नेहरु और अन्य महापुरुष , पन्त, प्रसाद और मैथेलिशरण , परशुराम की प्रतीक्षा , , रश्मिरथी , रश्मिमाला , रसवन्ती , रेणुका , साहित्य और समाज , सामानांतर , स्म्र्नाजंली , संस्कृति भाषा और राष्ट्र , संस्कृति के चार अध्याय , सपनों का धुँआ , श्री अरविंद: मेरी द्रष्टि में , उजली आग , उर्वर्शी , व्यक्तिगत निबंध और डायरी |
Specifications
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
Pages: 176
Binding: PaperBack
ISBN: 9789389243758
Category: Language & Essay
Related Category: Arts / Humanities