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Home Literature Short Stories Ek Sou Pachas Premikayen
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Ek Sou Pachas Premikayen
by Indira Dangi
4.4
4.4 out of 5
Creators
AuthorIndira Dangi
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisइंदिरा दाँगी की भाषा में एक संयत खिलन्दड़पन है और कथा-विषयों की एक नई रेंज। यह दोनों ही चीज़ें उन्हें अलग से पढ़े जानेवाले कथाकार के रूप में प्रतिष्ठित करती हैं। भाषा जब पाठक को अपने जादू में ले लेती है तब भी उनका किस्सागो सतर्क रहता है कि किस बिन्दु पर कौन-सा कदम उठाना है, कि कहानी भी आगे बढ़े और पात्र का न$क्शा भी ज़्यादा सा$फ हो। कह सकते हैं कि वे अपने विवरणों में एक नई किस्सागोई का आविष्कार करती हैं, शैलीगत चमत्कारों में उलझ कर नहीं रह जातीं।
संग्रह की पहली ही कहानी 'लीप सेकेंड को कथाकार के रूप में उनकी क्षमताओं की बानगी के रूप में पढ़ा जा सकता है। एक बिलकुल अछूता विषय, फिर उसका इतना चित्रात्मक ट्रीटमेंट, आदमी की जिजीविषा को जि़न्दगी की वास्तविक सड़क पर मूर्त करने की क्षमता, सराहनीय है। इसी तरह 'एक चोरी प्यासी घाटियों के नाम कहानी हमें व्यक्ति के आत्मान्वेषण के एक नए इलाके में ले जाती है और कहानी के रूप में अत्यन्त स्पष्टता के साथ अपना आकार पाती है। मध्यवर्गीय मन यहाँ अपनी सीमाओं को बहुत महीन ढंग से तोडऩे को व्याकुल दिखाई देता है। ऐसा ही कुछ 'एक नन्ही तितली आती तो है कहानी में देखा जा सकता है जिसकी ज़मीन तो उतनी नई है लेकिन जिस ढंग से वह अपनी शैली और अपने पात्रों को बरतती हैं, उसमें अपने ढंग का एक अलग आकर्षण है। उम्मीद है, चर्चित-सुपरिचित इन कहानियों की यह प्रस्तुति पाठकों की प्रसन्नता का कारण बनेगी।