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Ek Kahani Yah Bhi
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Ek Kahani Yah Bhi

by Mannu Bhandari
4.8
4.8 out of 5

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Creators
Publisher Radhakrishna Prakashan
Synopsis आपका बंटी' और 'महाभोज' जैसे उपन्यास और अनेक बहुपठित-चर्चित कहानियों की लेखिका मन्‍नू भंडारी इस पुस्तक में अपने लेखकीय जीवन की कहानी कह रही हैं । यह उनकी आत्मकथा नहीं है, लेकिन इसमें उनके भावात्मक और सांसारिक जीवन के उन पहलुओं पर भरपूर प्रकाश पड़ता है जो उनकी रचना-यात्रा में निर्णायक रहे । एक ख्यातनामा लेखक की जीवन-संगिनी होने का रोमांच और एक जिद्‌दी पति की पत्नी होने की बाधाएँ, एक तरफ अपनी लेखकीय जरूरतें (महत्वाकांक्षाएँ नही) और दूसरी तरफ एक घर को सँभालने का बोझिल दायित्व, एक धुर आम आदमी की तरह जीने की चाह और महान उपलब्धियों के लिए ललकता, आसपास का साहित्यिक वातावरण-ऐसे कई-कई विरोधाभासों के बीच से मनजी लगातार गुजरती रहीं, लेकिन उन्होंने अपनी जिजीविषा, अपनी सादगी, आदमीयत और रचना-संकल्प को नहीं टूटने दिया । आज भी जब वे उतनी मात्रा में नहीं लिख रही हैं, ये चीजें उनके साथ हैं, उनकी सम्पत्ति हैं । यह आत्मस्मरण मनजी की जीवन-स्थितियों के साथ-साथ उनके दौर की कई साहित्यिक-सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी रोशनी डालता है और नई कहानी दौर की रचनात्मक बेकली और तत्कालीन लेखकों की ऊँचाइयों-नीचाइयों से भी परिचित कराता है । साथ ही उन परिवेशगत स्थितियों को भी पाठक के सामने रखता है जिन्होंने उनकी संवेदना को झकझोरा ।

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Binding: HardBack
About the author April 3, 1931 भानपुरा, मध्य प्रदेश में 3 अप्रैल, 1931 को जन्मी मन्नू भंडारी को लेखन-संस्कार पिता श्री सुखसम्पतराय से विरासत में मिला। स्नातकोत्तर के उपरान्त लेखन के साथ-साथ वर्षों दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस में हिन्दी का अध्यापन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचन्द सृजनपीठ की अध्यक्ष भी रहीं। 'आपका बंटी’ और 'महाभोज’ आपकी चर्चित औपन्यासिक कृतियाँ हैं। अन्य उपन्यास हैं 'एक इंच मुस्कान’ (राजेन्द्र यादव के साथ) तथा 'स्वामी’। ये सभी उपन्यास 'सम्पूर्ण उपन्यास’ शीर्षक से एक जिल्द में भी उपलब्ध है। कहानी संग्रह हैं : एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, तथा सभी कहानियों का समग्र 'सम्पूर्ण कहानियाँ’, एक कहानी यह भी उनकी आत्मकथ्यात्मक पुस्तक है जिसे उन्होंने अपनी 'लेखकीय आत्मकथा’ कहा है। महाभोज, बिना दीवारों के घर, उजली नगरी चतुर राजा नाट्य-कृतियाँ तथा बच्चों के लिए पुस्तकों में प्रमुख हैं—आसमाता (उपन्यास), आँखों देखा झूठ, कलवा (कहानी) आदि।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Radhakrishna Prakashan
  • Pages: 226
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788183611060
  • Category: Biographies & Memoirs
  • Related Category: Biographies
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