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Home Literature Short Stories Dilli Mein Neend
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Dilli Mein Neend
by Uma Shankar Choudhary
4.5
4.5 out of 5
Creators
AuthorUma Shankar Choudhary
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisउमा शंकर चौधरी लम्बी कहानियों के सिद्धहस्त लेखक हैं। उनकी कहानियाँ आपको मदमस्त नहीं करतीं, बल्कि परेशान करती हैं। आप उनसे भागना भी चाहते हैं लेकिन एक तत्त्व है लेखक में कि वह जीवन की सही सच्चाइयाँ पकड़ लेता है। लेखक के पास छोटी-छोटी चीज़ों के लम्बे-लम्बे वृत्तान्त हैं। इतने कि कई बार आपको ऊब होने लगती है। लेकिन यही लेखक की सूक्ष्म निरीक्षण-क्षमता है। ‘दिल्ली में नींद’ संग्रह की तमाम कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं। चाहे वह राजेश्वर सिंह की कहानी हो या फुच्चु मास्साब की या सुनानी की; एक गहरी पीड़ा इन सब में है। उनकी कहानियाँ सपाट नहीं हैं। वे यथार्थ के भीतर जाती हैं और कई बार उसका अतिक्रमण करती हैं। इसके लिए कई बार वे जादुई यथार्थवाद का भी इस्तेमाल करते हैं। उनके सरोकार स्पष्ट हैं और उसमें कोई फाँक नहीं है। इस संग्रह की कहानियाँ सामन्ती समाज के अन्तर्विरोधों की कहानियाँ हैं तो इनमें उदारीकरण के बाद के शहरी समाज की निम्नमध्यवर्गीय पीड़ा भी है। आम आदमी के दु:ख-दर्द उमा शंकर की कहानियों की ख़ास विशेषता है और यही उन्हें अपनी पीढ़ी में सबसे अलग करती है। —शशिभूषण द्विवेदी