Synopsis‘धूपछाँह’ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की सोलह ओजस्वी कविताओं का संकलन है जिसमें प्रांजल प्रवाहमयी भाषा, उच्चकोटि का छंद विधान और भाव संप्रेषण का समावेश किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में शक्ति या सौंदर्य, बल या विवेक, बच्चे का तकिया, पानी की चाल, कवि का मित्रा, दो विधा जमीन, तन्तुवायु, कैंची और तलवार, पुरातन भृत्य, भारतेन्द्र-स्मृति, वर-भिक्षा, रौशन वे की बहादुरी, नींद, तीन दर्द, पुस्तकालय, कलम और तलवार इत्यादि काव्य संकलित हैं जो उन लोगों को समर्पित है जो अपेक्षाकृत अल्पवयस्क है और सीधी-साधी रचनाओं से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं।
आशा है कविवर दिनकर की यह कृति युवा पीढ़ी को एक नया संदेश देगी।