Bhavi Vasant Vibhrat
by Hazari Prasad Dwivedi
Creators
Author
Hazari Prasad Dwivedi
Publisher
Vani Prakashan
Synopsis
‘भावी वसन्त-विभ्राट्: स्त्री स्वप्न 2160 ई’ - हज़ारीप्रसाद द्विवेदी
“वसन्त-विभ्राट् की कल्पना समय से कुछ पहले की गयी है, पर अमूलक नहीं है। कथानक आज से दो सौ वर्ष बाद का है। परिस्थितियों के सूक्ष्म अध्ययन से यह स्पष्ट ही समझ में आ जायेगा कि उन दिनों भारतवर्ष में कई स्वतन्त्र शासन वाले प्रदेश हो जायेंगे। उस समय वर्तमान प्रदेशों की सीमा ज्यों की त्यों नहीं रहेगी। अनुमान है कि वर्तमान बनारस कमिश्नरी और बिहार के कुछ ज़िलों के संयोग से ‘काशी’ नामक एक स्वतन्त्र प्रदेश होगा। इसकी राजधानी काशी होगी। साम्यवाद या इसी माप के अन्य वादों का बहुल प्रचार संसार की रोटी-समस्या हल कर देगा। लोगों को इस समस्या से फ़ुरसत मिलने पर अन्य उलझनों के सुलझाने का सामूहिक उद्योग करना होगा। उसी समय ‘सेक्स’ का विवाद उग्र रूप धारण करेगा।“
About the author
Not Available
Specifications
- Language: Hindi
- Publisher: Vani Prakashan
- Pages: 54
- Binding: Paperback
- ISBN: 9789389915709
- Category: Drama
- Related Category: Drama & Theatre