Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Home Literature Poetry Akeli Auraton Ke Ghar
Enjoying reading this book?
Akeli Auraton Ke Ghar
by Madhu B. Joshi
4.5
4.5 out of 5
Creators
AuthorMadhu B. Joshi
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisसमकालीन हिन्दी कविता में अपनी विनम्र और सार्थक उपस्थिति दर्ज करती कवयित्री मधु बी. जोशी अपने पहले काव्य संग्रह ‘अकेली औरतों के घर’ में अपनी सम्पूर्ण प्रतिभा और प्रखरता के साथ उपस्थित हैं। सरल-सहज भाषा में लिखी ये कविताएँ स्त्रियों के जटिल जीवन-स्थितियों, विडम्बनाओं और उनके जय-पराजय की पड़ताल करती हैं। हालाँकि संग्रह की अधिकांश कविताएँ स्त्रियों पर केन्द्रित हैं लेकिन इनमें आम लोगों की जिन्दगी के भी विभिन्न रंग बिखरे हैं, इन्हें मात्र स्त्रीवादी कविता कहना कवयित्री के काव्य परिवेश को संकुचित करने जैसा अन्यायपूर्ण कार्य होगा।
ये कविताएँ अराजक देह-समय में लहूलुहान स्त्रियों की शोक-गीतिका हैं जो अपनी विरल लय में पाठकों को एक रचनात्मक आस्वाद प्रदान करने के साथ समय, समाज, राजनीति के नये प्रभुओं की विन्दूपताओं तथा बाजार की जगर-मगर दुनिया के छल-छद्मों से साक्षात्कार कराती हैं। लेकिन यह पराजित अथवा एकाकीपन के बियाबान में भटकती स्त्री की हताशा की कविताएँ नहीं हैं बल्कि ये एक उम्मीद रचती हैं क्योंकि ‘अभी / हवा में नमी बाकी है / धूप हमेशा ही हिंसक नहीं रहती / धरती अब भी बहुत उर्वरा है।“
इस संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी संप्रेषणीयता जो सीधे पाठकों के हृदयस्थल को छू लेती है। कम शब्दों में बड़ी बात कह जाना युवा कवयित्री की अपनी विशिष्ट उपलब्धि है।