Synopsisख़लील जिब्रान बीसवीं सदी के एक लोकप्रिय लेखक थे। 6 जनवरी 1883 को उनका जन्म लेबनान में हुआ। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अमेरिका में बिताया और अपने जीवन काल में पचीस किताबों की रचना की। वह एक निबंधकार, उपन्यासकार, कवि तथा चित्रकार के रूप में जाने गये और उनकी रचनाएँ पीढ़ी दर पीढ़ी पढ़ी जाती रहीं और पाठकों को जीवन, प्रेम और सहभागिता के नये अर्थ समझाती रही।
यह पुस्तक ख़लील जिब्रान की अंतिम रचना है, जो वर्ष 1931 में उन्होंने अपनी मृत्यु के बस कुछ ही पहले पूरी की। इस पुस्तक को भी 'मसीहा' की ही तरह एक श्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया गया।
इस पुस्तक में ख़लील जिब्रान ने कविता और सूक्तियों के माध्यम से अपना कालातीत जीवन-दर्शन तथा ज्ञान प्रस्तुत किया है जिसने विश्व-स्तर पर मान्यता पाई है। इस अधुनातन गौरव-ग्रंथ को ख़लील जिब्रान के रहस्यपूर्ण चित्रांकन ने और भी निखार दे दिया है।
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Binding: PaperBack
About the author
Born in 1883 in Lebanon, Khalil Gibran was a writer, artist and a poet whose most influential works till now remains The Prophet. Having studied art in Paris, Gibran also curated hundreds of paintings and drawings. In 1920, he co-founded a literary society, The Pen-bond Society (also known as Al Rabitat al Qualamiya) along with other poets of Arab and Lebanese origin. Gibran passed away in New York City on April 10, 1931.