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Home Literature Literature Dhai Kadam
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Dhai Kadam
by Rakesh Kumar Srivastav ‘Rahi’
4.7
4.7 out of 5
Creators
AuthorRakesh Kumar Srivastav ‘Rahi’
PublisherPrachi Books
Synopsisस्त्री विमर्श पर आधारित उपन्यास ‘ढाई कदम’ एक स्त्री की संघर्ष कथा के साथ उसके जीवन में महीन रेशों से बुनी सामाजिक व्यवधान को रेखांकित करती है। पाठकों को आज के भौतिकता की प्राथमिकता पर आधारित समाज में स्त्री-पुरुष की बिगड़ती मानसिक विकृतियों को पात्रों के माध्यम से सहज समझ आता है। इस उपन्यास में एक संघर्षरत विद्यार्थी की समस्याओं और उसके जीवन में आ रहे मानसिक अवस्था को बखूबी लिखा गया है। एक संघर्षरत छात्र एवं उनके अभिभावक के लिए यह उपन्यास एक मार्गदर्शिका की तरह है। लेखक उपन्यास के पात्रों के माध्यम से ढोंगी बाबाओं एवं सामाजिक ढकोशलों के प्रति सचेत करता एवं स्पष्ट राय रखता है। त्रिकोणीय प्रेम के साथ-साथ समाज के अन्य संबंधों के महीन रेशों में गुथी एक भावनात्मक उपन्यास है ‘ढाई कदम’। पाठक इस उपन्यास को पढ़ कर कथा कहने की एक नई विधा से परिचित होते हुए लेखक द्वारा निर्मित पात्रों को स्वयं जीने की अनुभूति प्राप्त करता है।