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Seeriyaaby Daya prakash sinha |
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Author | Synopsis |
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नाटक समाज की प्रगतिशीलता की बात करता है। हास्य-व्यंग्य, मिथक, इतिहास, जीवन के अलग-अलग पक्षों को अपने नाटकों में स्पर्श करने वाले दया प्रकाश सिन्हा का यह नाटक ‘सीढ़ियाँ’ लेखक के सभी नाटकों में सबसे अलग है। यह नाटक किसी ऐतिहासिक व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द नहीं घूमता और न ही किसी एटिहासिक घटना के। ‘सीढियाँ’ का नायक वह कालखंड है जो पात्रों के माध्यम से इस नाटक में स्थापित है। इस नाटक में वह युग उभर कर आता है जिसमे सामान्य स्त्री का प्रेम भी अवमूलयित हो जाता है। ‘सीढ़ियाँ’ यहाँ प्रतीक रूप में आया है जिसका मतलब है रूढ़िवादी परम्पराओं को लांघ कर एक सीढ़ी ऊपर उठना। अतः
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