Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Vivek shanbhagकन्नड़ लेखक विवेक शानभाग के पाँच लघु कथा संग्रह, तीन उपन्यास और दो नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने दो कहानी संकलनों का सम्पादन भी किया है, जिनमें से एक अंग्रेज़ी में है। उनकी कई छोटी कहानियों का नाट्य रूपान्तरण भी हुआ है और एक पर लघु फ़िल्म भी बनी है। विवेक शानभाग साहित्यिक पत्रिका ‘देश काल’ के संस्थापक सम्पादक, शुरुआती दौर में प्रमुख कन्नड़ अख़बार ‘प्रजावाणी’ के साहित्यिक सम्पादक और अंग्रेज़ी में अनूदित यू.आर.अनन्तमूर्ति की कन्नड़ पुस्तक ‘हिन्दुत्व या हिन्द स्वराज’ के सह-अनुवादक भी रहे हैं।
विवेक शानभाग की कहानियाँ अंग्रेज़ी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनूदित हो चुकी हैं। उनके उपन्यास ‘घाचर-घोचर’ का अंग्रेज़ी अनुवाद भारत, अमेरिका, यूके में प्रकाशित हो चुका है और साथ ही दुनिया भर की 18अन्य भाषाओं में भी अनूदित है। ‘घाचर-घोचर’ न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ-साथ द गार्डियन द्वारा चयनित 2017 की सर्वश्रेष्ठ दस पुस्तकों में से एक है।
‘मास्ति पुरस्कार’ से पुरस्कृत 2014 में प्रकाशित सबसे अच्छी कन्नड़ कथा पुस्तक ‘घाचर-घोचर’ के लेखक विवेक शानभाग 2016 में अन्तरराष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम के तहत आयोवा विश्वविद्यालय में मानद फेलो रह चुके हैं।
विवेक शानभाग पेशे से इंजीनियर हैं और बेंगलुरु में रहते हैं।