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Pushyamitra पुष्यमित्र एक घुमन्तू पत्रकार और लेखक हैं। आपका जन्म मुंगेर में हुआ। वैसे पैतृक गाँव बिहार के पूर्णिया जिले का धमदाहा गाँव है। आपने पहले नवोदय विद्यालय और फिर भोपाल के पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। आपकी पत्रकारिता-यात्रा भोपाल, दिल्ली, हैदराबाद, चंडीगढ़ जैसे शहरों से होती हुई बिहार-झारखंड में जारी है। आप दैनिक अखबार नवभारत, अमर उजाला, हिन्दुस्तान, प्रभात खबर आदि से सम्बद्ध रहे। फिलहाल कुछ न्यूज़ पोर्टलों के लिए नियमित लिखते हैं। आपका एक उपन्यास ‘रेडियो कोसी’ और दो ई-बुक भी प्रकाशित हैं—उपन्यास ‘सुन्नैर नैका’ और रिपोर्ताज ‘फरकिया’। आपकी बहुचर्चित किताब है—जब नील का दाग़ मिटा : चम्पारण-1917—जो राजकमल प्रकाशन के सार्थक उपक्रम से प्रकाशित है। सम्पर्क : [email protected]

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Jab Neel Ka Daag Mita : Champaran-1917 by Pushyamitra ₹150
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Ruktapur by Pushyamitra ₹250
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