Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Mujib rizaviमुजीब रिज़वी इलाहाबाद की मशहूर तहसील चायल के एक क़स्बे में 1934 में पैदा हुए और आरम्भिक शिक्षा इलाहाबाद से और स्नातक की डिग्री इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हासिल करके अलीगढ़ चले गए। इस दौरान वो पंडित सुंदरलाल के सान्निध्य में स्वतंत्रता आन्दोलन और वामपंथी आन्दोलनों एवं गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। उन्हने 1960 की दहाई में जामिया में हिन्दी विभाग की नव डाली और जामिया की विशेष संस्कृति में पल-बढ़ के उन्हने हिन्दी विभाग और जामिया यूनिवर्सिटी की बेशक़ीमत खिदमत की और अन्ततः ऐक्टिंग वाइस चान्सलर होकर वहीं से सेवानिवृत्त हुए। अमीर ख़ुसरो पे उनकी बहुचर्चित किताब ख़ुसरोनामा, 1987 में मकतबा जामिया से उर्दू में छपी। इसके अलावा जायसी, तुलसी,
मुल्ला दाऊद, कबीर और दूसरे सूफ़ी-भक्ति विचारधारा के निर्गुण-सगुण कवियों पर उनके निबन्ध पर आधारित एक किताब ‘पीछे फिरत कहत कबीर कबीर’ सन 2009 में मंज़र-ए-आम पे आई। 24 मई 2015 को उनका निधन हुआ और उनके महबूब जामिया के क़ब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।