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Dhoomil सुदामा पाण्डेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर सरीखे कवियों में एक है। उनकी कविताओं में आजादी के सपनों के मोहभंग की पीड़ा और आक्रोश की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति मिलती है। व्यवस्था जिसने जनता को छला है, उसको आइना दिखाना मानों धूमिल की कविताओं का परम लक्ष्य है। 9 नवंबर 1936 को बनारस के खेवली गांव में सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ का जन्म हुआ था। धूमिल नाम से वह जीवन भर कविताएं लिखते रहे। अल्पायु में ही ब्रेन ट्यूमर की वजह से 10 फरवरी 1975 को उनकी मृत्यु हो गई। आज कवि धूमिल की कविताएं अपने समय से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं। ‘संसद से सड़क तक’ नामक कविता संग्रह, जो सन 1971 में प्रकाश में आया, में भय, भूख, अकाल, सत्तालोलुपता और अंतहीन भटकाव को रेखांकित करतीं,आक्रामकताा से भरपूर सभी कविताएं अपने आप में बेजोड़ हैं।

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