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Dr. susham bediजानी-मानी कथाकार/ उपन्यासकार सुषम बेदी का जन्म 1945 में फीरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उच्च शिक्षा दिल्ली और पंजाब में हासिल की। सुषम जी की पहली कहानी 1978 में प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'कहानी' में प्रकाशित हुई। 1984 से वह नियमित रूप से छपती रही हैं। उनकी रचनाओं में भारतीय और पश्चिमी संस्कृति के बीच झूलते प्रवासी भारतीयों के मानसिक आन्दोलन का सुन्दर चित्रण होता है। रंगमंच, आकाशवाणी और दूरदर्शन की जानी पहचानी शख्सियत सुषम जी 1979 में अमेरिका चली गयीं । वहीं रहकर अध्यापन कर रहीं सुषम जी की अनेक रचनाओं का अंग्रेज़ी और उर्दू में अनुवाद भी हुआ है। उपन्यास 'हवन', 'लौटना', 'नव भूम की रसकथा', 'गाथा अमरबेल की', 'कतरा-दर-कतरा', 'इतर', 'मैंने नाता तोड़ा', 'मोर्चे' (उपन्यास) और 'चिडियां और चील' (कहानी संग्रह) उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं। सुषम जी साहित्य के क्षेत्र में तमाम प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मानों से नवाज़ी जा चुकी हैं।